Wednesday, November 5, 2008

नैनीताल घूम कर आया, फोटो भी साथ लाया हूं

नैनीताल घूम के आया पर सिर्फ दो दीन के लीये गया था।


क्या करूं छूट्टी ही नही था। और अपना वाला मोबाईल नही ले गया था ईसलीये ज्यादा फोटो नही लीया हूं।



घर जाते समय रासते मे पडा था, मोबाईल के कैमरे मे खीच लीया।



घूमते घूमते ट्रेन के पास पहूच गया था। यहां से रेलवे स्टेशन बहुत दूर पडता है। आप रीकशे से रेलवे स्टेशन जाएंगे तो खूब मजा आएगा।(प्राकुती और पर्यावरण को देखते ही रह जाएंगे)









ये मेरा फोटो नही है, कीसी और का है, जब वो पानी मे गै तो मैने गेट के पास से फोटो ले लीया(पूछ के) पर अभी चेहरा ईसलीये वाईट कर दीया हूं क्यो की मेरा फोटो नही है, साईड मे भी मै होता तो चेहरा दीखा सकता था।


अगर गर्मीयों की छूट्टी मे घूमने का प्लान बना रहे हैं या कहीं घूमना है तो नैनीताल जाएं और यहा पर कई चर्चीत पार्क है, जैसे कार्बोड नेशनल पार्क(नाम ठीक से नही पता) और यहां जानवरो को देख सकते हैं। पर बहुर सूंदर पार्क है।

और क्या बताउं यहां पहाड भी है। बहुत सारे होटल है (जीस जगह गया था वहां)


नैनीताल जाने वाले यात्रीयो से नीवेदन है(जो ट्रेन से जाएंगे) एक बाडी बील्डर भी साथ मे ले जाएं क्यो की वहा मै गया था तो ट्रेन से आने मे लगा की जान ही चला जाएगा। ट्रेन मे पैर रखने के लीये भी जगह नही था। ट्रेनवालों की गलती देखीये(जानबूझ कर पैसे के लीये)
जीतने सीट नही थे उसके 600-700% जयादा टीकट बेच दीये थे और टीटी भी नही आया क्यो की वो जानता था की टीकट हद से ज्यादा दे दीये है और सब उसे मारने लगेंगे।

जरा सोचीये एक बोगी मे ईतने लोग बैठे थे की टायलेट मे भी 4-8 लोग खडे थे या बैठे थे।
मझे तो ट्रेन वालो पर बहुत गूस्सा आ रहा है। ना जाने क्या हालत बना दीया है।

आपको क्या लगता है, क्या हद से ज्यादा टीकट देना चाहीये। अगर हद से ज्यादा टीकट बेचते हैं तो उनपर जूर्माना लगना चाहीये?

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