और जितने भी भारतीय हैं उनके पैसे रिवर्स हो गए थे, पेपल के ईस रवईये से कई ईंडीयन पेपल यूजरों को भीख मांगने जैसी नौबत आ गई थी।
पेपल ने भारतीय यूजरों के साथ खिलवाड किया था, बिना किसी ईंफोर्मेसन के अचानक सभी पर्सनल पेमेंट वापस कर दियें और जिनहोने अपने पैसे पेपल से बैंक मे WithDrawal किये थे वो भी पेपल ने रोक दिये।
एसा पेपल ने ईसलिये किया था क्यों की RBI ने नया रूल निकाला था, अब हमे पेपल से पैसे निकालते समय एक कोड डालना होगा।
जैसे Export Code, या अन्य तरीके का कोड। अब आपको पेपल मे पर्सनल पेमेंट पर भी टैक्स भरना होगा(चाहे आप किसी को गिफ्ट दे रहे हों तब भी टैक्स भरना होगा)
अब कटेगा आनलाईन ट्रान्जेक्सन पर TAX - चाहे आप नेट से Rs.2 ही क्यों नही कमाएं, आपको भरना होगा आनलाईन टेक्स(पहले भी था)
वैसे आनलाईन पैसे कमाने वाले हमारे यहां के अन्य लोगों से अभी भी ज्यादा टैक्स भरते हैं। लेकीन ईसमे पेपल ने भारतीय यूजरों से खिलवाड किया है।
RBI का नया रूल यहां पर क्लिक कर के देख सकते हैं।
वैसे भारतीय गोर्मेंट SWISS बैंको पर एसा कोई नियम नही लगाती है, जय हो RBI की और भारत सरकार की, डिजल की किमतों पर "U" टर्न भी ले लियें, ईसका मतलब किमत बढाने की कोई जरूरत ही नही थी।
6 comments :
thanks for information
अच्छी जानकारी http://sunilkefande.blogspot.com
कुन्नू जी,
भारतीय होकर भारतीयों जैसी बात आपने आखिर कर ही दी । गैर कोई कुछ भी कर जाए, किसी अपने ने कुछ कर दिया तो गुनाह कर दिया..। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया भारत सरकार की जागीर हो ऐसा (पूरी तरह से सही) नहीं है । रिजर्व बैंक ने जो सुविधा लागू की है वह क्योंकर गलत है, क्या पूरे देश में कोई एक व्यक्ति है जो यह बता सके ?
क्या आप जानते हैं कि इस देश में कोई कुछ अच्छा क्यों नहीं कर पाता ? क्योंकि आप जैसे लोग अच्छे प्रयास को भी सराहते नहीं बल्कि उसमें कमियां ढूंढने लगते हैं । अरे 100 कमियां रही होंगी, तो उनमें से एक को दुरूस्त करने की दिशा में तो प्रयास किया गया । अगर आप के पास बेहतर सुझाव है तो देते क्यों नहीं ?
वैसे आपने ही ये लिखा था ना -
http://kunnublog.blogspot.com/2009/04/paypal-rs15000.html
ही..ही...
अब हम Rs.20000 से अधीका का Transaction नही कर सकते, ईसका मतलब अगर हमे Rs.20000 से ज्यादा पैसे भेजने हो तो हमें बहुत ज्यादा फिस भरना पडेगा।
10% - 20% तो फिस ही कट जाएगा और टैक्स अलग से भरना पडेगा|
पोस्ट नही पढा था।
उस वकत पेपल ने सभी ईंडयन एकाउंट के ट्रान्जेक्सन रोक दिए थे क्यों की RBI को अचानक सभी ट्रान्जेक्सन पर नजर रखने की सुझी थी।
हम 21000 से ज्यादा का ट्रान्जेक्सन नही कर सकते, एसा लगता है की वापस पुराने जमाने मे पहुज गए हैं।
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