यह देखें बिल्गेट्स का सर्च ईंजन का स्क्रिन-साट
Bing.com
क्या है बिंग ?
यह गूगल कि तरह एक सर्च ईंजन है और माईक्रोसाफ्ट और याहू के साथ समझौता हूवा है|
बिंग के सर्च रिजल्ट अभी गूगल कि तरह नही आते हैं पर एक महीने मे बहुत पापूलर हो गया है बिंग
मै तो यही कहूंगा कि बिंग को अभी बहुत कठिनाईयों का सामना करना पडेगा क्यो कि लोगो कि गूगलिंग आदत छूडाने मे 10-20 साल लग जाएगा :)
यह सूनने को बहुत मिल्ता था कि माईक्रोसाफ्ट और याहू जैसे कंपनी भी गूगल सर्च को ट्क्कर नही दे पा रहे हैं ईनको छिप जाना चाहीये पर अब देखीये bing.com आया और गूगल कि दादागिरी के लिये खतरा बन गया
अच्छा तो यही होगा कि हम Bing.com ही यूज करें नही तो गूगल ईनटरनेक कि आजादी के लिये खतरा है और यह चाहे तो आपके साईट, आनलाईन बिजनेस को दो सेकेंड मे बरबाद कर दे
बिंग और गूगल को अगर लोग 50%/50% ईसतेमाल करें तो बहुत अच्छा होगा और धिरे धिरे एसे ही बहुत सारे सर्च ईंजन हो जाए |
गूगल को हराना ईतना आसान नही है 10 - 20 साल लग जाएंगे गूगल से टक्कर लेने मे :)
2 comments :
बढ़िया जानकारी दी है आपने ! गूगल का प्रतिद्वंदी होना ही चाहिए ! इसी तरह हमें लिनक्स का इस्तेमाल कर माइक्रोसॉफ्ट को भी चेतना चाहिए !
Mujhe nhi lagta ye google ko takkar de payega, aur jesa ki Ratan singh ji ne kaha, to mei batana chahunga ki linux 100 guna jyada better hai windows se. Pahle mujhe lagta tha ki kya bekaar chiz hai ye linux, but jab thik se kaam karke dekha toh pata chala ki windows to kuch bhi nhi linux ke aage
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